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Saturday, April 30, 2011

एक गड्ढे से निकलकर दूसरे गड्ढे में पहुंचा बैंक ऑफ इंडिया

कृष्णनंदन श्रीवात्री
सिवनी (एमपी मिरर)। नई बिल्डिंग के साथ नई साज सज्जा से सुशोभित बैंक ऑफ इंडिया की सिवनी शाखा का काम वही पुराने ढर्रे से पुन: सुचारू रूप से संचालित होने लगा है। एक गढ्डे से निक लकर दूसरे गढ्डे में जा पहुंचे बैंक ऑफ इंडिया में आखिर क्या राज है कि नगर के प्रतिष्ठित लोग काफी प्रभावित हैं, जिन्हें शाखा के स्थान परिवर्तन से खासी खुशी हुई है? यूं तो पहले भी जिला मुख्यालय में स्थित अनेक बैंकों के स्थान परिवर्तन हुये हैं लेकिन नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों ने अपनी खुशी इस तरह कभी नही दर्शायी थी जैसे बैंक ऑफ इंडिया के स्थान परिवर्तन से दर्शायी है। क्या उन लोगों का बैंक के प्रति लगाव है या बैंक के शाखा प्रबंधक श्री भारद्वाज के प्रति या फिर उस बिल्डिंग के मालिक के प्रति खासा लगाव है? यह बात नगर की जनता के मन में कचोट रही है।

सूत्र बताते हैं कि शाखा प्रबंधक ने पुराने बैंक परिसर में एसी का अपने बंगले में लगवा लिया साथ ही आफिस के फर्नीचर व कूलर आदि को बैंक कर्मी ओने पौने या फिर मुफत में उठाकर अपने अपने घर ले गये। यही नहीं शाखा प्रबंधक ने बैंक के नये परिसर मालिक से सांठ गांठ कर मोटी रकम लेकर बैंक अजीवन उस स्थान पर स्थानांतरित करा दिया जहां सुविधाएं नाम मात्र नहीं हैं जबकि उक्त बैंक के नये परिसर हेतु कम किराये में अधिक सुविधा युक्त अच्छे से अच्छे परिसरों के ऑफर बैंक मैनेजर श्री भारद्वाज के सामने आये थे पर उनकी स्वार्थ की पूर्ति के अनुरूप कोई खरे नहीं उतरे।

ज्ञात होवे कि सिवनी में जब से बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का शुभारंभ हुआ था तभी से इस बैंक का संचालन नेहरू रोड स्थित एक सुरक्षित परिसर में पिछले लगभग 12-13 वर्षो से सफल संचालित होते रहा है इस बीच बैंक में 7-8 शाखा प्रबंधकों ने अपनी सेवाऐं निर्विरोध देते हुये स्थानांतरित होकर दूसरी शाखा चले गये, लेकिन पिछले डेढ़-दो वर्षो से बैंकऑफ इंडिया की सिवनी शाखा में प्रबंधक के रूप में पदस्थ हुये श्री भारद्वाज को अचानक क्या हुआ कि उन्होने रातों रात अपने उच्चाधिकारियों को दिग्भ्रमित करते हुये बैंक की शाखा परिवर्तन का प्रस्ताव पास करा लाये। श्री भारद्वाज द्वारा शाखा परिवर्तन जो प्रस्ताव अपने उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा गया है वह बैंक को संचालित करने लिए एक घाटे के सौदे से कम नहीं है क्योंकि पूर्व में संचालित बैक परिसर का किराया महज 8 हजार रूपये प्रति माह था साथ ही पार्किंग हेतु लगभग पर्याप्त स्थान के साथ सबसे सुरक्षित था। लेकिन एक सप्ताह पूर्व नये परिसर से संचालित हो रहे उक्त बैंक का खर्च लगभग चार गुना प्रतिमाह बढ़ गया है।
आखिर शाखा प्रबंधक श्री भारद्वाज द्वारा बैंक को नये परिसर में लाने का उनका स्वंय का निजि स्वार्थ के चलते उनको क्या क्या फायदा हुआ होगा यह सोचनीय विषय है। इस संबध में सूत्रों का कहना है कि नवीन शाखा परिसर के मालिक और शाखा प्रबंधक के बीच काफी लेनदेन के बीच यह प्रस्ताव पास कराया गया है साथ ही और भी अनेक राज हैं जो परत दर परत सामने आ सकते हैं। हमेशा दलालों से घिरे रहने वाले शाखा प्रबंधक सिवनी शाखा में बैठकर और क्या काला पीला कर रहे हैं यह सब जल्द ही सामने आ जायेगा।

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