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Saturday, April 30, 2011

आजादी के 63 साल बाद भी अंधेरे में छह गांव

कृष्णनंदन श्रीवात्री
सिवनी (एमपी मिरर)। एक तरफ केन्द्र से लेकर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के हर छोटे से छोटे गांवो में बिजली पहुंचाई जा रही है, वहीं इस जिले में ऐसे भी गांव हैं जहां बल्ब की रोशनी तो दूर विद्युतकरण के नाम पर सर्वे तक नहीं हुआ है। विकासखंड केवलारी के अंतिम छोर में बसा ग्राम उगली के समीपवर्ती आधा दर्जन गांव ऐसे ही हंै, जहां आजादी के बाद से अब तक ग्रामीणों को बिजली की रोशनी नसीब नहीं हो सकी है।
उक्त ग्रामों के ग्रामीण वर्षो से यहां अंधेरे में जीवन यापन हो रहा है, जिनकी सुध लेने आज तक कोई नहीं पहुंचा। जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र जो कि जिले के सर्वमान्य नेता व म.प्र. विधानसभा के उपाध्यक्ष ठा. हरवंश सिंह का विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम उगली के समीपी ग्राम रतनपुर ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवो में बिजली का दूर-दूर तक नामों निशान नहीं है।
आजादी के बाद से लेकर अब तक यहां के लोगों को साल के 12 महीने अंधेरे में गुजारने पड़ते है। चाहे भारी बारिश के बीच जहरीले जीव और कीटों का डर हो या भरी गर्मी की परेशानी। ग्रामीण इन सबके आदि हो चले है। रतनपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत चिरईडोंगरी, कोपीझोला, पीपरदौन, हिर्रीटोला, जंगल ताखला आदि ऐसे गांव है, जहां के वाशिंदे विद्युतीकरण का इंतेजार करते-करते बूढे हो चुके हैं। इनमें से प्रत्येक गांव की आबादी डेढ़ सौ से दो सौ घरों की है। जहां चिमनी या लालटेन ही ग्रामीणों का सहारा है।

यह आश्चर्य की बात है कि इन आधा दर्जन गांवो के लोग पिछले बीस सालों से अपने-अपने स्तर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर विधानसभा, मंत्रियों और विद्युत मंडल के अधिकारियों तक अपनी मांग पहुंचा चुके हैं, लेकिन इन ग्रामीणों की आवाज पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। ग्रामवासियों में इस बात को लेकर भी हताशा है कि केवल इन्हीं गांवो के साथ ऐसा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है। 20 सालों से इन लोगों की मांगो की अनदेखी हो रही है। एक-दूसरे से सटे इन ग्रामों के बुजुर्ग ने चर्चा के दौरान बताया कि सन 1992 के आसपास तात्कालीन कलेक्टर श्री राजन ने यहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था उपलब्ध कराई थी, जिससे इन गांवो मे संतोषजनक बिजली उपलब्ध हो जाती थी, लेकिन उनके जाने के बाद यह व्यवस्था गांवो से धीरे-धीरे खत्म होती चली गई। वहीं सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरण भी चोरी जाते रहे।
विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के होते हुए घने जंगलों के बीच बसाहट वाले इन गांवो में रात्रि के समय का अंधेरा भयावह होता है। अंधेरे में गुजर बसर करने वाले इन ग्रामीणों का धैर्य अब टूट रहा है। ग्रामवासियों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जल्द ही हमारे गांवो में बिजली नहीं पहुंची तो उग्र आंदोलन देखने को मिलेगा। इससे पहले उन्होनें जिला प्रशासन और विद्युत मंडल के उच्चाधिकारियों सहित केवलारी विधायक से इन गांवो में शीघ्र ही बिजली व्यवस्था पहुंचाए जाने की मांग की है।

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