नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। प्यार न तो उम्र देखता है और न ही उसे समाज द्वारा स्थापित मर्यादाओं की फिक्र होती है। यदि प्यार पवित्र है तो दो दिलों को एक होने से कोई नहीं रोक सकता। प्रेम के ऐसे पंछियों का भगवान भी साथ देते है। ऐसा ही एक वाक्या गुरुवार को सामने आया जिसमें 20 साल के लड़के और 23 साल की लड़की ने बीच शहर में भगवान को साक्षी मानकर सबके सामने मंदिर में सात फेरे ले लिये।
बरमान का वर, गोटेगांव की वधु
गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे बरमान निवासी लक्ष्मण गड़रिया 20 वर्ष व उसकी प्रेमिका गोटेगांव निवासी कृष्णा बाई गड़रिया 23 वर्ष पैदल चलते हुए नरसिंहपुर मेन रोड में स्थित चरहाई हनुमान मंदिर पहुंचे। उनके साथ लड़के की चाची लक्ष्मी बाई भी मौजूद थी। मंदिर पहुंचने के बाद एक पल भी नही लगा और प्रेमी युगल ने भगवान को साक्षी मानकर वहां मंदिर के सात फेरे लगाने के बाद एक हो गये।
पंडित की भूमिका में रहीं चाची
इस विवाह में सबसे खास बात यह रही कि लड़के की चाची लक्ष्मीबाई ने पंडित की भूमिका अदा करते हुए फेरे के समय मंत्र पढ़कर विवाह संपन्न कराया और इसके बाद तीनों वहां से चल दिये। लोगों ने अंदाजा लगाया कि शायद दोनों के परिवार वालों को यह शादी मंजूर नहीं थी इसलिए इन्होंने यह कदम उठाया। इस अनोखी शादी का साक्षी केवल रब ही नहीं था वरन कई लोगों ने यह शादी देखी जो पूरे दिन चर्चा का विषय रही।
बरमान का वर, गोटेगांव की वधु
गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे बरमान निवासी लक्ष्मण गड़रिया 20 वर्ष व उसकी प्रेमिका गोटेगांव निवासी कृष्णा बाई गड़रिया 23 वर्ष पैदल चलते हुए नरसिंहपुर मेन रोड में स्थित चरहाई हनुमान मंदिर पहुंचे। उनके साथ लड़के की चाची लक्ष्मी बाई भी मौजूद थी। मंदिर पहुंचने के बाद एक पल भी नही लगा और प्रेमी युगल ने भगवान को साक्षी मानकर वहां मंदिर के सात फेरे लगाने के बाद एक हो गये।
पंडित की भूमिका में रहीं चाची
इस विवाह में सबसे खास बात यह रही कि लड़के की चाची लक्ष्मीबाई ने पंडित की भूमिका अदा करते हुए फेरे के समय मंत्र पढ़कर विवाह संपन्न कराया और इसके बाद तीनों वहां से चल दिये। लोगों ने अंदाजा लगाया कि शायद दोनों के परिवार वालों को यह शादी मंजूर नहीं थी इसलिए इन्होंने यह कदम उठाया। इस अनोखी शादी का साक्षी केवल रब ही नहीं था वरन कई लोगों ने यह शादी देखी जो पूरे दिन चर्चा का विषय रही।
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