मंडला (एमपी मिरर)। आदिवासी मंडला जिला के अनेक ब्लाकों में झोलाछाप डॉक्टर अपनी-अपनी दुकान गाँव में होने वाली बाज़ार में लगाते हैं और बिना जानकारी के लोगों का इलाज करते हैं।
ताज्जुब की बात तो ये है की ये डॉक्टर सभी लोगों को बिना इलाज़ किए ड्रिप लगा कर गम्भीर बीमारी बताकर भोली-भाली आदिवासी जनता को लूट ते हैं और जिले के अधिकारी ऐसे डॉक्टर को खोज भी नहीं पाते। पता नहीं इन डॉक्टरों के हाथों से कितने लोगों की जान गई होगी।
मंडला में अनेक ऐसे ब्लाक हैं, जहां ऐसे डॉक्टर की दुकान सज जाती है और इस दुकान में आते हैं आदिवासी अनजान मरीज, लेकिन लगता है 5 सालों से दुकान लगाने वाले यह डॉक्टर को पकडऩा मतलब तीस मार खां को पकडऩे के जैसा है, क्योंकि इनके भाई लोगों की संख्या मंडला के डॉक्टर की संख्या से ज्यादा है।
ताज्जुब की बात तो ये है की ये डॉक्टर सभी लोगों को बिना इलाज़ किए ड्रिप लगा कर गम्भीर बीमारी बताकर भोली-भाली आदिवासी जनता को लूट ते हैं और जिले के अधिकारी ऐसे डॉक्टर को खोज भी नहीं पाते। पता नहीं इन डॉक्टरों के हाथों से कितने लोगों की जान गई होगी।
मंडला में अनेक ऐसे ब्लाक हैं, जहां ऐसे डॉक्टर की दुकान सज जाती है और इस दुकान में आते हैं आदिवासी अनजान मरीज, लेकिन लगता है 5 सालों से दुकान लगाने वाले यह डॉक्टर को पकडऩा मतलब तीस मार खां को पकडऩे के जैसा है, क्योंकि इनके भाई लोगों की संख्या मंडला के डॉक्टर की संख्या से ज्यादा है।
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