मरीज सहित परिजन हो रहे परेशान
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में व्यवस्थायें धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है और लोगों को सुविधाओं का लाभ मिलना आरंभ हो गया है। वहीं कभी-कभी कुछ लापरवाह एवं गैरजिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की कार्यप्रणाली के चलते अव्यवस्थाऐं उत्पन्न होने पर खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।
बर्न वार्ड में नही है कूलर की व्यवस्था
अस्पताल परिसर स्थित बर्न वार्ड में कूलर की व्यवस्था नही होने से यहां आने वाले मरीजों को परेशानियां का सामना अधिक करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार बर्न वार्ड में प्रतिमाह अनुमानित 10 केस आते है और प्रारंभिक तौर पर भर्ती कर उपचार दिया जाता है और गंभीर परिस्थितियों में ही उन्हें जबलपुर रिफर किया जाता है।
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में व्यवस्थायें धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है और लोगों को सुविधाओं का लाभ मिलना आरंभ हो गया है। वहीं कभी-कभी कुछ लापरवाह एवं गैरजिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की कार्यप्रणाली के चलते अव्यवस्थाऐं उत्पन्न होने पर खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।
बर्न वार्ड में नही है कूलर की व्यवस्था
अस्पताल परिसर स्थित बर्न वार्ड में कूलर की व्यवस्था नही होने से यहां आने वाले मरीजों को परेशानियां का सामना अधिक करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार बर्न वार्ड में प्रतिमाह अनुमानित 10 केस आते है और प्रारंभिक तौर पर भर्ती कर उपचार दिया जाता है और गंभीर परिस्थितियों में ही उन्हें जबलपुर रिफर किया जाता है।
बताया गया है कि बर्न वार्ड में आग से पीडि़त पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की स्थिति सर्वाधिक होती है। वार्ड को ठंडा रखने के लिए अभी तक कोई प्रयास नही किये गये वहीं गर्मी की शुरूआत और तपिश से अग्नि पीडि़त महिलाओं और पुरूषों को होने वाले कष्ट का अंदाजा नही लगाया जा सकता। जानकारी के अनुसार अस्पताल में प्रतिवर्ष सवा सौ से अधिक बर्न कैस आते है वहीं बुनियादी सुविधाओं के तौर पर वार्ड ठंडा रखने कूलर या एसी की व्यवस्था से मरीजों को राहत मिलेगी।
पानी के लिए भटकना पड़ता है
पूर्व में घर में खाना बनाते समय आग की चपेट से आहत होकर आई सिमरिया निवासी सुशीला बाई के परिजनों ने बताया कि वार्ड में शौचालय की व्यवस्था तो है लेकिन कभी-कभी पानी की सप्लाई प्रभावित होने से समस्या होती है वहीं पेयजल की अनुपलब्धता वार्ड में परिजनों के लिये परेशानी का सबब होती है। पेयजल के लिए मरीजों को उस वक्त बेहद परेशान होना पड़ता है जब उनका कोई करीबी या रिश्तेदार पास नही होता और तब उन्हें उसके आने तक या तो पानी के लिए तरसना पड़ता है या अन्य किसी को अस्पताल के प्रवेश द्वार तक पानी लाने भेजना पड़ता है वार्ड में उपचाराधीन मरीजों एवं उनके परिजनों ने संबंधितों का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुये आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने की बात कही है।
शवगृह में अव्यवस्थाएं
शवगृह में अनेक अव्यवस्थाऐं की बात नागरिकों ने कही है। बताया गया है कि शाम 5 बजे के बाद डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम नही कराया जाता और शव को गृह में यूं ही रख दिया जाता है। यहां शव को रखने के लिए बर्फ की व्यवस्था की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि ठंड के दिनों में तो ठीक लेकिन अब गर्मी के दिनों में बर्फ की उपलब्धता नही होने से शवगृह के पास से गंदगी एवं बदबू से डॉक्टरों व अन्य लोगों को परेशानी होती है।
पानी के लिए भटकना पड़ता है
पूर्व में घर में खाना बनाते समय आग की चपेट से आहत होकर आई सिमरिया निवासी सुशीला बाई के परिजनों ने बताया कि वार्ड में शौचालय की व्यवस्था तो है लेकिन कभी-कभी पानी की सप्लाई प्रभावित होने से समस्या होती है वहीं पेयजल की अनुपलब्धता वार्ड में परिजनों के लिये परेशानी का सबब होती है। पेयजल के लिए मरीजों को उस वक्त बेहद परेशान होना पड़ता है जब उनका कोई करीबी या रिश्तेदार पास नही होता और तब उन्हें उसके आने तक या तो पानी के लिए तरसना पड़ता है या अन्य किसी को अस्पताल के प्रवेश द्वार तक पानी लाने भेजना पड़ता है वार्ड में उपचाराधीन मरीजों एवं उनके परिजनों ने संबंधितों का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुये आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने की बात कही है।
शवगृह में अव्यवस्थाएं
शवगृह में अनेक अव्यवस्थाऐं की बात नागरिकों ने कही है। बताया गया है कि शाम 5 बजे के बाद डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम नही कराया जाता और शव को गृह में यूं ही रख दिया जाता है। यहां शव को रखने के लिए बर्फ की व्यवस्था की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि ठंड के दिनों में तो ठीक लेकिन अब गर्मी के दिनों में बर्फ की उपलब्धता नही होने से शवगृह के पास से गंदगी एवं बदबू से डॉक्टरों व अन्य लोगों को परेशानी होती है।
No comments:
Post a Comment