दूरदराज क्षेत्रों से आए मरीजों को हो रही परेशानी
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। तीस बिस्तरों वाला स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा। जिससे मरीजों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों की कमी के चलते रोगी नीम हकीमों की शरण में जाने को मजबूर हैं।
डॉक्टर को नहीं मिलता समय
अस्पताल में पदस्थ डॉ एसके गुप्ता जो ब्लॉक मेडिकल आफिसर भी हैं उन्हीं को अस्पताल के मरीजों की जांच करना है और साथ ही शासकीय एमएलसी करना भी उन्हीं के जिम्मे है। ब्लॉक या जिले में होने वाली बैठकों में भी उन्हें उपस्थित होना पड़ता है। ब्लॉक में कहीं भी एनएसबीटी ,एल टी टी कैंप लगे या स्वास्थ्य या बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देना पड़े या सालीचौका परिक्षेत्र में दुर्घटना से मृत्यु होने के बाद पीएम करना हो उसके लिए उनको गाडरवारा आना पड़ता है । ऐसी परिस्थितियों में आम मरीजों को अत्याधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है । मरीजों को मजबूर होकर नीम हकीम ,झोला छाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है।
दो डॉक्टर पदस्थ हों
ग्राम के रामसहाय पटैल का कहना है कि केवल बिल्डिंग बनने और उपकरणों से उपचार नहीं होता। उपचार के लिए इस अस्पताल में कम से कम दो डॉक्टर पदस्थ होना चाहिए। क्यों कि स्थानीय अस्पताल से दर्जनों ग्राम जुड़े हुए है ।
महिला डॉक्टर की जरूरत
साहू समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र साहू ने बताया कि क्षेत्र के लोग परेशान होकर अन्यत्र जाना पड़ता है यहां की अस्पताल में होनहार महिला चिकित्सक की भी जरुरत है ।शासन के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में अक्षम रहते है । जहां गाडरवारा में आधा दर्जन महिला चिकित्सक है वही यहां के 30 बिस्तर वाली अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक का न होना दुर्भाग्य की बात है । और यह सोचनीय का विषय बना हुआ है कि यहां महिलओं को अपना इलाज कराने के लिये लज्जित होना पड़़ता है ।
शासन की मंशानुसार कार्य जरूरी
इस संबंध में बीएमओ डॉ एस के गुप्ता ने बताया कि यहां पर पदस्थ महिला चिकित्सक मेडिकल अवकाश पर है इसके अलावा शासकीय बैठक ब्लॉक में कहीं भी हो या जिले की बैठक हो मुझे ही जाना पड़ता है ब्लाक में कही भी एन एस बी टी , एल टी टी कैंप लगे या स्वास्थ्य या बहुउद्देश्यी कार्यकर्ताओ को ट्रेनिंग देना पड़े यह सभी कार्य मेरे कार्यक्षेत्र में आते है इसमें मुझे शासन की मंशा अनुसार कार्य करना पड़ेगा मै अपने कर्तव्यों का पालन अपनी पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूं। इस कारण मैं कई बार मरीजों को पर्याप्त समय नहीं दे पाता हूं।
शीघ्र निराकरण होगा
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरसिंहपुर डां गिरीश चौरसिया ने एमपी मिरर को बताया इस संबंध में शीघ्र निराकरण कर डॉक्टरों को पदस्थ किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। तीस बिस्तरों वाला स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा। जिससे मरीजों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों की कमी के चलते रोगी नीम हकीमों की शरण में जाने को मजबूर हैं।
डॉक्टर को नहीं मिलता समय
अस्पताल में पदस्थ डॉ एसके गुप्ता जो ब्लॉक मेडिकल आफिसर भी हैं उन्हीं को अस्पताल के मरीजों की जांच करना है और साथ ही शासकीय एमएलसी करना भी उन्हीं के जिम्मे है। ब्लॉक या जिले में होने वाली बैठकों में भी उन्हें उपस्थित होना पड़ता है। ब्लॉक में कहीं भी एनएसबीटी ,एल टी टी कैंप लगे या स्वास्थ्य या बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देना पड़े या सालीचौका परिक्षेत्र में दुर्घटना से मृत्यु होने के बाद पीएम करना हो उसके लिए उनको गाडरवारा आना पड़ता है । ऐसी परिस्थितियों में आम मरीजों को अत्याधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है । मरीजों को मजबूर होकर नीम हकीम ,झोला छाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है।
दो डॉक्टर पदस्थ हों
ग्राम के रामसहाय पटैल का कहना है कि केवल बिल्डिंग बनने और उपकरणों से उपचार नहीं होता। उपचार के लिए इस अस्पताल में कम से कम दो डॉक्टर पदस्थ होना चाहिए। क्यों कि स्थानीय अस्पताल से दर्जनों ग्राम जुड़े हुए है ।
महिला डॉक्टर की जरूरत
साहू समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र साहू ने बताया कि क्षेत्र के लोग परेशान होकर अन्यत्र जाना पड़ता है यहां की अस्पताल में होनहार महिला चिकित्सक की भी जरुरत है ।शासन के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में अक्षम रहते है । जहां गाडरवारा में आधा दर्जन महिला चिकित्सक है वही यहां के 30 बिस्तर वाली अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक का न होना दुर्भाग्य की बात है । और यह सोचनीय का विषय बना हुआ है कि यहां महिलओं को अपना इलाज कराने के लिये लज्जित होना पड़़ता है ।
शासन की मंशानुसार कार्य जरूरी
इस संबंध में बीएमओ डॉ एस के गुप्ता ने बताया कि यहां पर पदस्थ महिला चिकित्सक मेडिकल अवकाश पर है इसके अलावा शासकीय बैठक ब्लॉक में कहीं भी हो या जिले की बैठक हो मुझे ही जाना पड़ता है ब्लाक में कही भी एन एस बी टी , एल टी टी कैंप लगे या स्वास्थ्य या बहुउद्देश्यी कार्यकर्ताओ को ट्रेनिंग देना पड़े यह सभी कार्य मेरे कार्यक्षेत्र में आते है इसमें मुझे शासन की मंशा अनुसार कार्य करना पड़ेगा मै अपने कर्तव्यों का पालन अपनी पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूं। इस कारण मैं कई बार मरीजों को पर्याप्त समय नहीं दे पाता हूं।
शीघ्र निराकरण होगा
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरसिंहपुर डां गिरीश चौरसिया ने एमपी मिरर को बताया इस संबंध में शीघ्र निराकरण कर डॉक्टरों को पदस्थ किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
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