1453971' type='text/javascript' raj: हमारी पेंशन ले लो साब हमें मकान बनवाना है...

Tuesday, March 15, 2011

हमारी पेंशन ले लो साब हमें मकान बनवाना है...

जनसुनवाई में लगा रहे पीडि़त गुहार, लेकिन कार्यवाही शून्य
दमोह (एमपी मिरर)। लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए शासन के द्वारा जनसुनवाई नामक योजना चलाई जा रही है जिसमें कई ऐंसे पीडि़त जिन्हे कहीं से इंसाफ नही मिला है वो आकर उच्चाधिकारियों से इंसाफ मांग सके
और सायद ऐंसे निर्देश भी शासन के द्वारा अधिकारियों को दिए गऐ है कि वो जनसुनवाई के अंतर्गत आने वाले मामलो केा सीघ्र ही निपटवाऐं परंतु शासन के उच्चाधिकारी कुछ दिनो के बाद शुस्त नजर आने लगे है। जिन अधिकारियों को जनसुनवाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए अपनी एक विशेष जिम्मेदारी समझनी चाहिए आज वो ही अधिकारी इसे सिरदर्द समझकर इससे बचते नजर आ रहे है और जनसुनवाई के लिए अपने अधिनस्थ काम करने वाले अधिकारियों को आदेशित कर उन्हे जनसुनवाई के लिए बैठा कर स्वयं बचते नजर आ रहे है नतीजन आज कई वार पीडि़तो को जनसुनवाई के लिए जाने के बाद भी उन्हे इंसाफ नही मिलता साथ ही जनसुनवाई केे समय अधिकारियों का रवैया ऐंसा होता है जैसे कोई भिखारी भीख मांगने आया और समझदारी के साथ उसे भगा दिया गया हो।

बहरहाल मंगलवार का दिन शासकीय दफ्तारो में जनसुनवाई का दिन होता है जहां पर लोग किसी न किसी मामले को लेकर उसमें कहीं इंसाफ न मिलने के कारण अपनी वात यहां पर रखते है। इनमें कई मामले तो ऐंसे प्रकाश में आते है जिन्हे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए जिसमें पीडि़त कई प्रकार की गुहार भी अधिकारियों से लगाते है। आज एक ऐंसा ही मामला पुलिस अधिक्षक कार्यालय से भी प्रकाश में आया जहां पर एक लगभग 60 वर्षीय वृद्धा अंतो बाई पति नारायण प्रसाद रजक निवासी शिविल वार्ड नं. 6 जिनके पति पुलिस में थे। वृद्धा पुलिस अधिक्षक कार्यालय अपने पति की लगभग 200 पेंसन वेचने की गुहार लगाने के लिए गई। जिसने वताया कि उसके पति पुलिस में थे जो एक पेट की एक बीमारी से ग्रसित थे जिनके ईलाज के लिए उसने अपनी हैसियत के हिसाब से लगभग 80 हजार रूपये ईलाज में खर्च कर दिया था लेकिन उनकी मृत्यु हो गई थी वो किराऐ के मकान में रहती है, जिसके मालिक उसे घर खाली करने की वात कह रहे है हमारे पास इतने पैसे नही है कि कहीं भी किराऐ से रह सके और इस महगंाई के समय में कहीं मकान किराऐ से ले सके इसलिए हमारे पास हमारे पति को मिलने वाली पेंसन को वंचने के अलावा कोई चारा नही है इसे वेचने के बाद कहीं भी एक छोटा सा घर बनाकर रहेंगे।

दूसरा मामला एक और ऐंसा प्रकाश में आया जो अपने पति से पीडि़त है कि उसका पति उसे खर्च के लिए पैसे नही देते जिसने आज जनसुनवाई करने के लिए वैठे एडीसनल एसपी मुकेश श्रीवास्वातव से पीडि़त शीला बाई पति राम ने गुहार लगाई है कि उसका पति नौकरी करता है लेकिन वह अपनी तनख्वाह उसे नही देता जिससे जीवन यापन करना कठिन है हम मजदूरी करने के लिए जाते है तो परेशान करता है जिससे आप उसे पर बिना कोई कार्यवाही करें समझाईस दे दें कि वह हमे परेशान न करें। इस प्रकार के कई ऐंसे मामले प्रकाश में आते है।
इन मामलो में काई मामले ऐंसे होते है जिसे निपटा दिया जाता है और कई ऐंसे मामले होते है जिन्हे टाल दिया जाता है जिससे पीडि़त कई बार जनसुनवाई में खड़े मिलते है। ऐंसा ही नजारा इन दिनो कलेकट्रेट कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई का भी जहां पर अधिकतर स्वयं कलेक्टर नदारत रहते है और वहां पर लिखा होता है कि आज कलेक्टर प्रवास पर है जिससे दूर दराज से आने वाले पीडि़तो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी जगह बैठने वाले उनके प्रतिनिधि भी समय का पूरा ख्याल रखते है 1 बजते ही अपनी कुर्सी छोड़ देते है भले ही कितने ही पीडि़़त क्यों न खड़े हो।

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