विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि सुजारा लिफ्ट एरिगेशन परियोजना में लगाई गई मशीनों का टेस्ट तक नहीं किया गया है, जबकि ठेकेदार का पूरा भुगतान कर दिया गया है। बंद पड़ी सिंचाई परियोजनाओं से जिले के कई किसानों से फसलों की बोवनी नहीं की है और जिन किसानों ने बोवनी की है उनकी फसलें पानी के अभाव में सूख चुकी हैं।
ठेकेदार ने नहीं सुधारी मशीनें
जिले के निवाड़ी ब्लाक में वर्ष 2006 में भीतरी लिफ्ट एरिगेशन परियोजना शुरू की गई थी। इसमें 200-200 हार्स पावर की तीन मशीनें लगाई गई हैं। शुरुआती कुछ सालों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन रखरखाव पर ध्यान नहीं देने से 2 मशीनों ने काम करना बंद कर दिया है। मशीनों के सुधार कार्य के लिए 2 माह का समय निर्धारित कर सागर के ठेकेदार को काम सौंपा गया। 27 फरवरी को समयावधि पूरी हो जाने तक ठेकेदार ने मशीनों का सुधार कार्य नहीं किया है। मशीनें खराब हो जाने से क्षेत्र के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, लेकिन विभाग की ओर से दोबारा मशीनों के सुधार का टैंडर जारी नहीं किया गया है।
सिंचाई योजनाओं पर काम शुरू निवाड़ी ब्लाक में बरुआ नाला पर दो नवीन सिंचाई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। जल संसाधन विभाग के एसडीओ बीडी स्वर्णकार ने बताया कि बरुआ नाला के सतीघाट पर करीब 8 करोड़ रुपए की लागत से सिंचाई परियोजना शुरू की जा रही है। 11 मार्च से इस पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 8 किमी लंबी सिंचाई नहरों से क्षेत्र के पृथ्वीपुर, खिस्टौन, गोरा और जालंधर गांव के 5 हजार 488 हैक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इसके अलावा राजापुर पंचायत में बरुआ नाला पर करीब 35 करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि 79 किलो मीटर लंबी नहर से 12 गांवों के 2960 किसानों को लाभ होगा। जल्द ही निर्माण कार्य के लिए टैंडर जारी किए जाएंगे। बहरहाल किसानों को जब पानी की जरूरत है तब उन्हें मोहताज होना पड़ रहा है। शहर में जलाशय के सूखने से उनके किनारे रहने वाले पक्षी सुरक्षित जगह तलाशकर अब पेड़ों पर ठिकाना बना रहे हैं।
किसानों की फसलें बर्बाद
सूखा की मार झेल रहे किसानों ने सिंचाई परियोजनाओं के भरोसे फसलों की बुआई कर दी है, लेकिन मशीनें खराब होने से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। केशवगढ़ गांव के किसान सोबरन यादव ने बताया कि सिंचाई नहरों से पानी मिलने की आस में बोवनी कर दी थी, लेकिन नहरें बंद होने से फसलें सूख चुकी हैं।
किसानों की फसलें बर्बाद
सूखा की मार झेल रहे किसानों ने सिंचाई परियोजनाओं के भरोसे फसलों की बुआई कर दी है, लेकिन मशीनें खराब होने से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। केशवगढ़ गांव के किसान सोबरन यादव ने बताया कि सिंचाई नहरों से पानी मिलने की आस में बोवनी कर दी थी, लेकिन नहरें बंद होने से फसलें सूख चुकी हैं।
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