बरगी डिस्नेट संभाग द्वारा ठेके पर कराए जा रहे कार्य में हो रहीं अनियमितताएं
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। नांदिया, गढ़पहरा एवं सिरकोना के आसपास बरगी विभाग द्वारा की जा रही ड्रेनों की खुदाई विवादों में आ गई है। किसानों का आरोप है कि बरगी के अधिकारी अपने फायदे के लिए नहरों से हो रहे सीपेज को रोकने ठेके पर ड्रेनों की खुदाई करा रहे हैं।जिससे नहरों के नाम पर अधिकारियों के जेब में फिर पैसा पहुंच सके। बरगी विभाग द्वारा लगभग तीन माह पूर्व शुरू किया गया ड्रेन खुदाई का कार्य आरोप- प्रत्यारोपों के बीच जारी है, किसान कार्य की जांच कराने मांग कर रहे हैं। रानी अवंतीबाई बरगी नहर परियोजना द्वारा नांदिया, गढ़पहरा एवं सिरकोना क्षेत्र में कराए जा रहे ड्रेन की खुदाई के कार्य पर किसान ही सवाल उठा रहे हैं कि पुरानी ड्रेनों को बंद कर विभाग द्वारा नईड्रेनें क्यों खुदवाई जा रही हैं। किसानों का कहना है कि बरगी के अधिकारी अपने फायदे के लिए ड्रेनों की खुदाई करवा रहे हैं। उक्त कार्य को ठेके से कराते हुए विभाग द्वारा बड़ी- बड़ी मशीनों को खुदाई में लगाया गया है, वहीं ड्रेन के लिए जिन किसानों की भूमि इस्तेमाल हो रही है उन्होंने मुआवजा भी दिया जा रहा है। जबकि यह कार्य होने से किसानों को सीपेज की समस्या से निजात नहीं मिलेगी।
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। नांदिया, गढ़पहरा एवं सिरकोना के आसपास बरगी विभाग द्वारा की जा रही ड्रेनों की खुदाई विवादों में आ गई है। किसानों का आरोप है कि बरगी के अधिकारी अपने फायदे के लिए नहरों से हो रहे सीपेज को रोकने ठेके पर ड्रेनों की खुदाई करा रहे हैं।जिससे नहरों के नाम पर अधिकारियों के जेब में फिर पैसा पहुंच सके। बरगी विभाग द्वारा लगभग तीन माह पूर्व शुरू किया गया ड्रेन खुदाई का कार्य आरोप- प्रत्यारोपों के बीच जारी है, किसान कार्य की जांच कराने मांग कर रहे हैं। रानी अवंतीबाई बरगी नहर परियोजना द्वारा नांदिया, गढ़पहरा एवं सिरकोना क्षेत्र में कराए जा रहे ड्रेन की खुदाई के कार्य पर किसान ही सवाल उठा रहे हैं कि पुरानी ड्रेनों को बंद कर विभाग द्वारा नईड्रेनें क्यों खुदवाई जा रही हैं। किसानों का कहना है कि बरगी के अधिकारी अपने फायदे के लिए ड्रेनों की खुदाई करवा रहे हैं। उक्त कार्य को ठेके से कराते हुए विभाग द्वारा बड़ी- बड़ी मशीनों को खुदाई में लगाया गया है, वहीं ड्रेन के लिए जिन किसानों की भूमि इस्तेमाल हो रही है उन्होंने मुआवजा भी दिया जा रहा है। जबकि यह कार्य होने से किसानों को सीपेज की समस्या से निजात नहीं मिलेगी।
चार हिस्सों में बंट गई जमीन
किसानों का कहना है कि ड्रेनों की खुदाई से उन्हें नुकसान हो रहा है। पूर्व में खोदी गईं ड्रेन और नहरों के कारण किसानों की जमीन दो हिस्से में थी। लेकिन नई ड्रेनें बनने से जमीन चार हिस्सों में बंट गई है। किसान कहते हैं कि नालियों के हिसाब से ड्रेनों की खुदाई होनी थी पर अधिकारी नहरों के हिसाब से ड्रेन बनवा रहे हैं। क्षेत्र के अनेक किसानों ने बरगी द्वारा कराए जा रहे उक्त कार्य पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसानों की आपत्ति के बावजूद विभाग द्वारा पहले प्रस्ताव डालकर कार्य की स्वीकृति और ठेका दिया गया। तीन माह से ड्रेन के लिए उपयोग में लाई गई किसानों की जमीन का मुआवजा बांटा जा रहा है जिसमें भी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
कुंवर खान, कृषक किसानों के विरोध से बंद हुआ काम
नहरों के पास पूर्व में बनी ड्रेंनो (नालियों) को बंद कर की जा रही खुदाई से किसान तंग हैं। गढ़पेहरा क्षेत्र में एक कब्रिस्तान की भूमि पर बरगी विभाग द्वारा की जा रही ड्रेन की खुदाई के कार्य का जब किसानों ने विरोध किया तो अधिकारियों ने काम बंद कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि डिस्नेट संभाग द्वारा नहरों से रिसाव रोकने के नाम पर जो अतिरिक्त नालियां बनवाई जा रहीं हैं, उनका कोईऔचित्य नहीं है। अधिकारी सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करा रहे हैं। मुख्य नहर एवं माईनर नहर के पास में वन भूमि, नजूल की जमींन व बरगी की जमींन पर बरगी परियोजना द्वारा जो छोटी- बड़ी ड्रेनों का निर्माण कराया गया था उससे सीपेज बंद हो गया है। कई स्थानों पर तो स्थिति यह है कि पथरीले क्षेत्र में नालियों की खुदाई के लिए मशीनों को लगाया गया है। जिससे समय के मान से कार्य में लगाई गईं मशीनों का समय अधिक लगे और ठेकेदार अधिकारियों के लिए ड्रेन खुदाई के कार्य में अधिक पैसा मिल सके।
किसान बरगी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज होकर गंभीर आरोप लगा रहे है। रकबा नं. 36-37 से रकबा नं.12 तक बन रही ड्रेनों को यदि विभाग चाहता तो 50 मीटर की दूरी पर स्थित मुख्य नहर से जोड़ सकता था। लेकिन अधिकारियों ने अपना फायदा देखा और 6 सौ से 8 सौ मीटर की दूरी होने के बाद भी ड्रेनों की खुदाई कराई उसे बैनगंगा नदी में मिलाया जा रहा है। जिससे लगभग साढ़े तीन एकड़ जमीन का मुआवजा बंटेगा। पिछले वर्ष बनाई नहरों को भी विभाग ने बंद कर दिया है और ऐसी जगह ड्रेनें बनाईजा रही हैं। जहां पत्थर हैं और जगह समतल नहीं है।
किसानों के विरोध से बंद हुआ काम
नहरों के पास पूर्व में बनी ड्रेंनो (नालियों) को बंद कर की जा रही खुदाई से किसान तंग हैं। गढ़पेहरा क्षेत्र में एक कब्रिस्तान की भूमि पर बरगी विभाग द्वारा की जा रही ड्रेन की खुदाई के कार्य का जब किसानों ने विरोध किया तो अधिकारियों ने काम बंद कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि डिस्नेट संभाग द्वारा नहरों से रिसाव रोकने के नाम पर जो अतिरिक्त नालियां बनवाई जा रहीं हैं, उनका कोईऔचित्य नहीं है।
किसानों के विरोध से बंद हुआ काम
नहरों के पास पूर्व में बनी ड्रेंनो (नालियों) को बंद कर की जा रही खुदाई से किसान तंग हैं। गढ़पेहरा क्षेत्र में एक कब्रिस्तान की भूमि पर बरगी विभाग द्वारा की जा रही ड्रेन की खुदाई के कार्य का जब किसानों ने विरोध किया तो अधिकारियों ने काम बंद कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि डिस्नेट संभाग द्वारा नहरों से रिसाव रोकने के नाम पर जो अतिरिक्त नालियां बनवाई जा रहीं हैं, उनका कोईऔचित्य नहीं है।
अधिकारी सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करा रहे हैं। मुख्य नहर एवं माईनर नहर के पास में वन भूमि, नजूल की जमींन व बरगी की जमींन पर बरगी परियोजना द्वारा जो छोटी- बड़ी ड्रेनों का निर्माण कराया गया था उससे सीपेज बंद हो गया है। कई स्थानों पर तो स्थिति यह है कि पथरीले क्षेत्र में नालियों की खुदाई के लिए मशीनों को लगाया गया है। जिससे समय के मान से कार्य में लगाई गईं मशीनों का समय अधिक लगे और ठेकेदार अधिकारियों के लिए ड्रेन खुदाई के कार्य में अधिक पैसा मिल सके। किसान बरगी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज होकर गंभीर आरोप लगा रहे है।
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