दमोह (एमपी मिरर)। इन दिनों जब पानी की समस्या से शहर वासी जूझने की कगार पर है और ऐसे में बचा हुआ पानी भी बेंचा जाए तो समस्या और कितनी अधिक हो जायेगी यह स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐंसा ही इन दिनो शहर में पानी सप्लाई होने वाले फिल्टर प्वाईट से सामने आ रहा है जहां से खुलेआम पानी बेंचा जा रहा है।
नाम न बताने की सर्त पर वहां मौजूद एक व्यक्ति ने वताया कि यहां पर प्रतिदिन कई टेंकर पानी वेंचा जा रहा है और वो भी महज् 30 रूपये के मूल्य पर, जबकि 30 रूपये में लोग आज वर्तमान में पानी की समस्या में जूझते हुए 100 से लेकर 150 लीटर क्षमता वाली पानी कि टंकी 60 से 100 रूपये में खरीदकर अपना गुजर वसर करते है, जबकि फिल्टर पर 4-5 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले टेंकर नगर पालिका की रसीद कटवाने पर 50 रूपये और रसीद की जगह वहां मौजूद कर्मचारियों को देने पर 30 रूपये में भरा जा रहा है। ऐंसा भी नही कि इस वात की खबर नपा के उच्चाधिकारियों को न हो क्योंकि पूर्व में भी यहां से पानी बेंचने की खबरे प्रकाश में आती रही है लेकिन इस वात को नपा के ऐ उच्चाधिकारी हमेशा नकराते रहे हैं। नजीतजन शहर भी भीषण जल संकट छाता रहा है और आज भी वही स्थिती नगर में बनी हुई है जहां पर लेागो को सप्ताह में एक या दो दिन ही नपा के द्वारा सप्लाई किऐ जाने वाला पानी नशीब हो पा रहा है।
हाल ही में नगर पालिका में पार्षद अध्यक्ष समेत नपा के अधिकारी कर्मचारी एवं जल व्यवस्था कमेटी की बैठक सपन्न हुई थी जिसमें पानी का मुद्दा काफी छाया रहा है जिसके निराकरण के लिए बैठक में एवं प्रस्ताव पारित किया गया था कि इस बार दमोह की जनता को पानी की समस्या नही हाने दी जायेगी जिसके जिए नलो के द्वारा एवं वार्डो में नपा के टेंकरो द्वारा पानी सप्लाई किया जाना था। पानी बेचने वाले मुद्दे को लेकर जनता की राय जाने तो उनका अधिकतर लोगो का कहना है कि फिल्टर प्वाईट पर अधिकतर प्रायवेट टेंकर ही ज्यादा भरे जाते हैं जो टेंकर शहर में होटलो, ईट बनाने वाले भट्टो, किसी भी प्रकार का कोई निर्माण होने वाले स्थानो के साथ कई स्थानो पर जाते है जहां से ऐ लोग 500-700 रूपये लेते हैं। मजेकी वात तो यह है कि इस संबंध में जब नपा के अधिकारियों से प्रतिदिन भरने वाले टेंकरो के संबंध में पूछो तो उनका जबाब होता है 10-20 टेंकर अधिकतर परंतु यहां पर मौजूद उन लोगो से पूछो जो यहां पर अपना अधिकतर समय निकालते है तो वो वताते है कि 100-200 टेंकर प्रतिरोज यहां से भरे जाते हैं जो प्रायवेट ही अधिकतर होते हैं।
लेागों के बताये अनुसार यदि यह वात सत्य है तो शहर में पानी की कमी होना कोई बड़ी वात नही है क्योंकि दिन में यदि लाखो लीटर पानी को इस प्रकार से यहां मौजूद कर्मचारियों के द्वारा वेचा जायेगा तो समस्या और अधिक बड़ेगी ही जबकि यही पानी नलो के द्वारा वार्डो में सप्लाई किया जाय तो कुछ हद तक पानी की समस्या से निपटा जा सकता है। नहाने पर भी कोई रोकटोक नही-फिल्टर के समीप टंकी से ही सप्लाई होने वाले नलो पर भी लोग आपको नहाते एवं अपने कपड़े धोते दिखाई दे जायेगे जो मौजूद कर्मचारियों की नाक के तले नहाते है वह तो ठीक परंतु अधिकतर पानी फालतू में वहाते है परंतु इनको कर्मचारियों के द्वारा रोका भी नही जाता जो नहाते हुए काफी मात्रा में पानी फालतू में ही वहा देते हैं और कभी-कभी तो कपडत्रा धोने वाले लोग भी नल को चालू कर कपड़े धोने में लगे रहते है जिससे काफी मात्रा में पानी बहता रहता हैं। इस प्रकार से हो रही पानी की बर्बादी एवं कर्मचारियों के द्वारा वेेचा जा रहा पानी के खिलाफ नपा के उचचाधिकारी कोई कार्यवाही करते है य नही यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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