दमोह (एमपी मिरर)। अंग्रेजों का शासन कैसा होता था वो हम पर कैसा अत्याचार करते थे जैसे कई सवाल हम लोगो के दिमाग में आते थे तो हम अपने बुजुर्गो से पूंछा करते थे और उनको जितना पता होता था वो बता दिया करते थे। इसके बाद भी कई सवाल हमारे दिमाग में आया करते थे जिनका कोई जबाब नही मिलता था। परंतु जिले में एक ऐंसी वृद्धा भी है जो इन सवालो को जबाब आज भी हमलोगो को दे देती है। वर्तमान में इस वृद्धा की उम्र 110 वर्ष है और आज भी वही जजबा की आज की पीड़ी देखकर एक पल सोचने के लिए मजबूर हो जाएं क्योंकि आज भी वो आखों में चश्मा लगाऐं बगैर भी अपने काम कर लेती है यहां तक की अच्छी खासी चलती फिरती रहती है।
यह अजूबा है पथरिया विकासखंड के ग्राम सासा की जहां पर रहने वाली जानकी बाई जिनकी उम्र 120 वर्ष है, और एक बच्चा है जिसकी भी उम्र लगभग 80-90 वर्ष वताई जा रही है, तथा उसके नाती पोता है जिनमें से कुछ के विवाह भी हो चुके है। जानकी बाई वताती है कि उन्होने वो समय भी देखा है जब अंग्रेज हमारे देश में राज किया करते थे और जनता पर इतना अत्याचार किया करते थे कि चारो ओर त्राही-त्राही मची हुई थी लेाग अपने मन से न तो कुछ कर पाते थे और न ही कुछ करने की सोच पाते थे जरा सी गल्तियां करने पर वो कोड़ो की वरसात किया करते थे जिससे जनता भयभीत रहती थी। प्रतिदिन अंग्रेजो के द्वारा एक समय निश्चत किया गया था जिस समय के बाद कोई भी व्यक्ति बाहर नही निकल सकता था, और यदि निकलता था तो उनको भी सजा मुकर्रर कि गई थी।
वीते दिनो की याद करते हुए कहती है कि अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त होने के बाद हमारे देश में इतनी शांति छा गई कि आय दिन कोई न कोई उत्सव जैसा महौल छाया रहता था लोग आजादी एवं निडर होकर घूमने लगे। हमलोग गांव में रहकर भी इतना सकून महसूस करते थे कि लगता ही नही था कि हम एक बहुत छोटे से कसबे में रहते है। जानकी बाई ने वताया कि आज से लगभग 30 वर्ष पूर्व संसाधनो के अभाव के कारण हम लोगो को किसी भी प्रकार का कोई भय नही रहता था क्योंकि गांव से अगर कोई व्यक्ति शहर को जाता था तो वो ही आकर गांव में चौपाल लगाकर सुनाता था जिसे हमलोग भी चुपचाप तरीके से सुन लिया करते थे और उसी की चर्चा बड़े मजे से किया करते थे। इतना ही नही यदि गांव में कोई मोटर सायकिल या अन्य वाहन आ जाया करते थे तो उसे हमलेाग देखने के लिए जाते थे। पहले सभी में एक मर्यादा हुआ करती थी कि अपने से बड़ो के सामने ऐंसा कोई काम नही करते थे जो उनकी मर्यादाओं के खिलाफ हो, परंतु आज का युग इतना बदल चुका है कि लगता ही नही कि हम उसी गांव या देश में रहते है जहां पर कभी ऐंसा भी हुआ करता था। जानकी बाई ने और कई प्रकार की जानकारियां दी जिन्हे सुनकर आश्चर्य हुआ।
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