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Friday, February 18, 2011

चमकदार सब्जियां व फल गुणवत्ताविहीन

  • सलामत खान
नरसिंहपुर (एमपी मिरर)। फल और हरी सब्जियों को खरीदते समय अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इन खाद्य पदार्थो में कीटनाशकों के अवविशष्ट निर्धारित मात्राओं से अधिक हो सकते है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
सब्जियां खरीदते समय उसके चमक और गहरे रंग पर ना जाएं। बल्कि गुणवत्ता देखें। फलों सब्जियों को आकर्षक बनाने के लिए आजकल मनमाने ढंग से कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि प्रयोगकर्ता यह जानता है कि कीटनाशकों का निर्धारित मात्रा से अधिक प्रयोग कर मानव मात्र के लिए धीमा जहर है। फिर भी उसे पैसे के अतिरिक्त किसी बात की चिंता नही है। खाद्य श्रृंखला में कीटनाशकों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है जो बहुत अधिक चिंता का विषय है इसका सबसे बढ़ा शिकार मित्र कीट है। जिनकी संख्या में भारी कमी आ रही है और नाशककीटों का बोलवाला बढ़ रहा है। शरीर के अंदर चर्बी में इनकी मात्रा क्रमश:बढ़ रही है।
मनुष्य के हाथों की विकृति जोड़ो का दर्द,आंखों के रोगों का संबंध खाद्य श्रृंखला में कीटनाशकी के बढ़ते अंश के साथ है। इससे मांसाहारी और शाकाहारी दोनों ही समान रूप से प्रभावित है। एक और जहां मांस और अंडों में कीटनाशकों का अंश उपस्थित पाया गया है। तो वहीं दूध, दही और घी भी इसके प्रभाव से अछूते नही बचे है। प्रतीक्षालय का ध्यान न रखते हुए बाजार में सब्जियां और फलों को बेचने से हानिकारक कीटनाशी घरों तक पहुंच रहे है।

सब्जियों को आकर्षक बनाने चढ़ाया जा रहा रासायनिक रंग
इन दिनों सब्जियों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए क्या-क्या तरीके नही अपनाए जा रहे है। पालक,मैथी को अधिक हरा दिखाने के लिए बाजार में बिक्री के लिए ले जाने से कुछ समय पूर्व कांपर सल्फेट में डुबों दिया जाता है। ऐसा करने से उनमें चमक आ जाती है। और वे अधिक हरे दिखाई देते है। जिन्हें आप और हम अधिक ताजा समझ कर छट से खरीद कर अपने घर ले आते है। जबकि ऐसी सब्जियों को कम से कम एक सप्ताह तक नही बेंचा जाना चाहिए। फूलगोभी की फसल में अधिक सफेदी लाने के लिए उस पर मिथाइल पैराथियान छिड़क दिया जाता है। जो सीधा विष का कार्य करता है। गोभी को पीले से सफेद करने के लिए मैलाथयान के घोल में डुबों कर निकाल लिया जाता है। इससे गोभी पर सफेदपन आ जाता है। अगर आप भी इन सभी प्रकार की सब्जियों के शौकीन है तो होशियार हो जाइए। सब्जी खरीदने से पहले अच्छी तरह से उसे देख ले फिर खरीदें। वरना चमकदार फल और सब्जियां आपकी सेहत को खराब कर सकते हैं।

फलों को जल्दी पकाने रसायनों का प्रयोग
फलों को जल्दी पकाने के लिए प्रतिबंधित रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड का निर्धारित मात्रा से ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। इस रसायन का ज्यादा उपयोग करने से इससे पकाए फल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहे है। सूत्र बताते है कि फलों के थोक व्यापार करने वाले कुछ व्यापारी व फुटकर व्यापारी जल्दी मुनाफा कमाने के चक्कर में तरह-तरह के रसायनों का उपयोग कर रहे है।
इन रसायनों का मानव शरीर पर घातक असर पड़ रहा है। फलों को पकाने के लिए जिस गैस का इस्तेमाल हो रहा है उसमें एसीटिलीन गैस का नाम प्रमुख है। इस गैस का उपयोग बैल्डिंग कार्य में किया जाता है। इस गैस का प्रयोग फलों को जल्दी पकाने में किया जाता है। जिससे मानव शरीर पर इसका सीधा असर उसके पाचन तंत्र पर पड़ता है। यहां उल्लेखनीय है कि खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के तहत घात रसायनों से फलों को पकाने पर संबंधित व्यवसायी को जेल की सजा का प्रावधान है किंतु हकीकत में इस कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है और आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस और शासन प्रशासन को जल्द ही ध्यान देना चाहिए ताकि इसका प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर न पड़े।

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