कृष्ण नन्दन श्रीवात्री
सिवनी (एमपी मिरर)। पवित्र नर्मदा तट मंडला में जो समाजिक कुंभ आयोजित किया गया है निश्चित रूप से इससे अमृत निकलकर आयेगा। इस समाजिक समारोह के आयोजन से केंद्र सरकार को भारी परेशानी हो रही है उन्होंने देश की सारी समस्याओं को दरकिनार कर केवल इसी पर ध्यान कें द्रित कर दिया है।
उन्हें मैंने जवाब दे दिया है कि यहां कि चिंता मैं कर रहा हूं आप देश की अन्य गंभीर समस्याओं की चिंता करें । उक्ताशय के उदगार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडला में माँ नर्मदा तट पर आयोजित सामाजिक कुं भ के उदघाटन अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोंधित करते हुये कहीं।
उन्होंने मंडला जिले के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुये कहा कि देश की आजादी अंग्रेजो ने तस्तरी पर परोस कर नहीं दी थी, इसके लिये हजारों व्यक्तियों ने अपना गर्म लहु बहाया है और इस आजादी की ल$डाई में मंडला जिले का योगदान भी और आदिवासी समाज का योगदान हमारे लिये प्रेरणा प्रदान करने वाला गौरवशाली इतिहास मंडला जिले के आदिवासी राजाओं ने कभी भी मुगलों और अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार नहीं की है जिन आदिवासी वीरों ने देश की स्वाधीनता के लिये अपने प्राणों आहूतियां दी है उनकी स्मृति में अनेक स्मारक बन गये है या बनाये जाने का क्र्रम जारी है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधी जी का अहिंसा आंदोलन नि:संदेह स्मरणीय है, मैं स्वयं उनका समर्थक हूँ, परंतु जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहूतियां दी है उनके प्रति श्रद्घा से हमारा सिर झुकना ही चाहिये मंडला के गौरव शंकर शाह रघुनाथ शाह, वीरांगना रानी दुर्गावती संपूर्ण समाज के लिये प्रेरणादायी है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा समाजिक कुं भ समाजिक समरसता के लिये आवश्यक है और अच्छी पहल है इस यज्ञ में प्रदेश सरकार की भूमिका यज्ञ में गिलहरी की तरह होने का हमें गर्व है, उन्होंने मंडला में हर साल नर्मदा जयंति पर भव्य आयोजन की घोषणा की है।
हमारे पूर्वजों का सम्मान करने वाले और भारत की उन्नति के विचार वाले सभी व्यक्ति हिंदु है: भागवत
हर वह व्यक्ति जो हमारे ऋषि मुनियों पूर्वजों द्वारा दिये गये संस्कारों का सम्मान करते हैं और भारत की उन्नति करने में अपना योगदान देता है, भारत माता की सेवा का संकल्प लेता है और इस राष्ट्र के संस्कारित विकास की भावना रखता है वह हमारा भाई है और वहीं हिंदु है।
उक्ताशय की बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने मंडला समाजिक कुं भ के उदघाटन अवसर पर कही और उन्होंने कहा कि हम जो काम कर रहे है वह पवित्र काम है काम करने में संकोच नहीं होना चाहिये हमें संस्कार सहित विकास चाहिये जो भारत वर्ष के सनातन विचारों से यह संभव है, सर्वधर्म संभाव पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि जब सब धर्म समान है तो हमारा धर्म बुरा क्यों? हमें अपने धर्म के प्रति क्रियाशील होना पड़ेगा आचरण और संकल्प लेना पडेगा तभी समाजिक एकता और सामाजिक समरसता का विकास होगा। उन्होंने इस बात का आह्वान किया कि समाज के जिस वर्ग और व्यक्ति के पास जो भी विशिष्टतांए है उनका देश हित में अधिक से अधिक उपयोग किया जाये और पूरी संकल्प शक्ति के साथ राष्ट्र के विकास के लिये संकल्पित हो समाज को जागृत करने की आवश्यकता है, जो लाभ प्रलोभन के चलते अन्य धर्मों के प्रति आकृशित हो गये है उन्हें विश्वास पूर्वक उनके मूल संस्कारों की ओर लौटने पर हमें कोई आपत्ति नहीं और विधर्मयों द्वारा धर्मातंरण से समाज को जाग्रत कर उनके प्रयासों को रोकने के सकारात्मक प्रयास होने चाहिये, हमारे दीनहीन बंधुओं में हमें विश्वास जगाना होगा कि पूरा समाज उनके साथ खडा हुआ है स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में हमें तेजी से कार्यों को ब$ढाना है और यह कार्य समाज को ही करना पडेगा उन्होंने कहा हमारे पास जो शक्ति बुद्घि और जो ज्ञान है उसका विनियोग समाज के विकास में करना चाहिये।
नर्मदा सामाजिक कुं भ उदघाटन अवसर पर हरिद्घार स्थित भारत माता के संस्थापक निवृत्त गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री सत्य मित्रानंद जी महाराज ने कहा कि मां नर्मदा में की गई साधना सिद्घि दिलाती है उन्होंने कहा कि भारत ही ऐसा पवित्र ऋषि मुनी का देश है जहां चरित्र व्यक्ति की पहचान बनता है संस्कारों को अधिक महत्व दिया जाता है उन्होंने कुंभ में आये व्यक्तियों से आहवान किया कि जहां अपने व्यसनों को त्याग कर व्यस्न मुक्त समाज और राष्ट्र निर्माण का संकल्प लेने की बात कहीं। उपस्थित श्रृद्घालुओं को विश्व हिन्दु परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण तोगडिय़ा ने भी संबोधित करते हुये कहा कि हमारी जाति-भाषा भिन्न है और विधिताओं बावजूद भी हमारे संस्कार और राष्ट्रीय चेतना के स्वर एक हैं। हम सभी भारत माता के पूजक है और हम सभी हिंदु है आज हिंदु समाज जाति में बंटा है और ऐसी कमजाोरी के चलते विधर्मी धर्मांतरण का कुचक्र्र चला रहे है। श्री तोगिडया ने धर्र्मांतरण पर आरक्षण का फायदा देने का विरोध किया और इसे अनैतिक और असंवेधानिक बताया। उन्होंने इसके विरूद्घ क$डा कानून बनाने की बात भी कहीं उन्होंने धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं करने की बात कहीं, उन्होंने समाज से आह्वान किया कि जिस क्षेत्र में धर्र्मांतरण का प्रभाव है या जहां धर्मातंरण करने वाली मिशनरियां सक्र्रिय हैं या ऐसी संभावना है वहां शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधायें प्रदान करने में समाज को हिस्सेदारी करना चाहिये और हमारे ऐसे प्रयासों से धर्मांतरण रूकेगा। संघ के कार्यवाहक सुरेश सोनी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि सभी व्यक्तियों के अंदर ईश्वर का अंश है जिसका सीधा संबंध आत्मा से है हम सभी को व्यवहार में परिवर्तन लाकर कुं भ से लौटने के बाद समाज में आत्मीयता का बोध लाना होगा।
इसके अलावा कुं भ उदघाटन अवसर पर पूज्य संत स्वामी श्याम दास जी महाराज, परम पूज्य हरिहर महाराज, रामजीवन दास जी, सांसद नंदकुमार संाय आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान हम हिंदु हंै पुस्तक का विमोचन जगदेव राम जी द्वारा किया गया। लाखों की संख्या में उपस्थित जनसभा को गोविंद देव जी गिरी जी महाराज, नागेन्द्र जी, शिवेश गिरी जी महाराज, अखिलेश्वरा नंद जी महाराज, रामायण तथा वाचक अतुल श्री कृष्ण जी महाराज, उरांव जी महाराज, श्याम दास जी महाराज आदि संतों द्वारा भी सभा को संबोधित किया गया। इस अवसर पर देश के विविध प्रांतों से आये कलाकारों ने धर्म सभा के पूर्व अपनी सुदर प्रस्तुतियां देकर अमिट छाप छोड़ी।
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