1453971' type='text/javascript' raj: एक और युवती चढ़ी दहेज की बलि

Saturday, April 02, 2011

एक और युवती चढ़ी दहेज की बलि

टीकमगढ़ (एमपी मिरर)। दहेजप्रथा आज समाज के लिए एक बड़ी कुप्रथा साबित होती जा रही है। यह कइयों की जिंदगी अब तक लीलती आई है और न जाने कितनों को मौत के मुंह में धकेलेगी। वैसे तो यह कुप्रथा मप्र सहित पूरे देश में फैली हुई और आए दिन बेटियों को जिंदा जलाए जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। मगर हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड क्षेत्र की। यहां पर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसे देख-सुनकर लोगों को रोंगटे खड़े हो जाएं। दरअसल बुंदेलखंड टीकमगढ़ जिले में दहेजलोभियों ने कुछ दिनों पहले अपनी बहू को केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया, जिसकी हाल ही में मौत हो गई और आरोपी अब मनगढंत कहानी गढ़ रहे हैं तथा खुलेआम घूम रहे हैं। बताया जाता है कि मृतिका ने करीब 15 दिन पहले ही एक बेटे को जन्म दिया था।

दस वर्ष पहले हुआ था विवाह

उप्र के जिला महोवा के अजनर थाने के ग्राम चमरुवा निवासी धनुवा ढीमर ने अपनी बेटी लली का विवाह दस वर्ष पूर्व मप्र के जिला टीमकगढ़ के पलेरा थाना के पुरैनिया गौरा गांव में रहने वाले राजा पिता दलपत रैकवार के साथ बड़े ही धूमधाम से किया था। विवाह के समय लली के पिता ने वर पक्ष को एक राजदूत मोटर साइकिल व 20 हजार रुपए नकद सहित दहेज का पूरा सामान दिया था। विवाह के कुछ माह बाद से ही लली का पति राजा, ससुर दलपत रैकवार, पति का भाई रामकुमार, सास हल्कीबाई उर्फ बैरवार बाली व जेठानी लाड़कुंवर उसे मायके से और दहेज लाने के लिए प्रताडि़त करने लगे, इसके लिए ये सभी तरह-तरह की यातनाएं देते। इस दौरान पीडि़ता ने एक संतान को जन्म दिया। इसके बाद तो उस पर जुल्मों का सितम और बढ़ गया, ससुराल वाले उसे लगातार प्रताडि़त करते आ रहे थे, जिसकी खबर उसने अपने माता-पिता को कर दी थी, लेकिन लली अपने ससुराल वालों की यातनाओं को लगातार झेलती आ रही थी कि शायद वक्त बीतन के बाद ये सुधर जाएंगे, लेकिन उसे क्या पता था कि इसका अंजाम उसकी मौत होगा।

केरोसिन डालकर जला दिया जिंदा
बताया जाता है कि पीडि़ता ने करीब 15 दिन पहले एक और बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन ससुराल वाले लगातार उसे दहेज के लिए प्रताडि़त कर रहे थे। इन दहेजलोभियों के उस पर जुल्म बढ़ते ही जा रहे थे, मगर दहेजलोभियों के दहेज की भूख नहीं मिट रही थी। शायद उनकी ये भूख पीडि़ता की मौत के साथ ही शांत होनी हो, सो हुआ भी वही।

जब लली ने बेटे को जन्म दिया तो वह और परेशान न हो इसलिए उसके पिता धनुवा ने अपनी बहू सीता देवी को कुछ सातान लेकर अपनी बेटी की ससुराल भेज दिया था। उसकी बहू वहां पर एक सप्ताह तक रही और उन लोगों का विवाद देखती रही। एक दिन लली के पति राजा ने सीता देवी को घी लाने के बहाने वापस भेज दिया, फिर लली से विवाद करने लगा और उस पर केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया, जिससे वह 80 फीसदी जल गई। पीडि़ता के पिता ने बताया कि इसकी जानकारी उसे राजा के गांव के एक व्यक्ति ने फोन पर दी कि तुम्हारी बेटी को जिंदा जला दिया गया है, तब वह तत्काल वहां पहुंच गया। जब वह वहां पहुंचा तो उसके ससुराल वाले मनगढ़त कहानी बयां कर रहे थे, लेकिन उसकी बेटी इशारों मे ही बता रही थी, उसे इन लोगों (ससुराल वालों) ने केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया है, बाद में उसे इलाज के लिए नौगांव ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना 28 मार्च की बताई जा रही है।

पिता ने की दोषियों को मौत की सजा की मांग

पीडि़ता के पिता ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है और उसने बेटी के ससुराल वालों के लिए मौत की सजा की मांग की है। उसका कहना है कि हमने अपनी हैसियत के मुताबिक दहेज दिया था, लेकिन ये लोग हमारी बेटी को आए दिन प्रताडि़त करते रहते थे और पीटते थे। हमारी बेटी चुपचाप ये सब सहन करती रही और उन लोगों ने हमारी बेटी को ही खा लिया।

दुधमुंहे से उठा मां का साया

पीडि़ता ने हाल ही में ऐ बेटे को जन्म दिया था, लेकिन उसके परिवार वालों की करतूत ने उससे उसकी मां को छीन लिया है, जिसे अभी ये भी मालूम नहीं था कि रिश्ते-नाते क्या होते हैं।

No comments:

Post a Comment

मिशन-2019 : मप्र में भाजपा को सता रहा कई सीटों पर खतरा, चेहरे बदलने की तैयारी | Weblooktimes.com

मिशन-2019 : मप्र में भाजपा को सता रहा कई सीटों पर खतरा, चेहरे बदलने की तैयारी | Weblooktimes.com