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Tuesday, March 29, 2011

बदहाल जीवन जीने को मजबूर बीड़ी मजदूर

आकाश राय
शासन से नहीं मिलीं सुविधाएं

हरपालपुर/ छतरपुर (एमपी मिरर)। बीड़ी श्रमिक आज भी आजीविका को चलाने इस व्यवसाय पर निर्भर हैं। कई पीढिय़ों से इसे अपनाए हुए हैं। इस उद्योग से जुड़े लोगों को जीविका से उपर उठाने और श्रमिकों की हालत सुधारने जैसे प्रयास नकाफी ही रहे हैं। शासन स्तर पर मनरेगा जैसे कार्ययोजना के लाभ से कोसों दूर हैं। श्रमिकों को जाब कार्ड आज तक मुहैया नहीं कराए गए, वहीं बीड़ी श्रमिक बुनियादी सुविधाओं और शासन- प्रशासन की उपेक्षा के चलते स्वास्थ शिक्षा चिकित्सा जैसी सुविधाओं से वंचित रहते आये हैं।

सरकार एक ओर श्रमिकों के हित के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपए योजनाओं पर खर्च करती आयी है, पर जमीनी हकीकत में आज भी श्रमिकों के बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास तथा शिक्षा उन्नयन सम्भव नहीं हो सका। श्रमिक कल्याण बोर्ड जिलाधिकारी को इनके हित के बारे में सोचना चाहिए, रानीपुरा, कैमाहा, चुरवारी, अंमा, अलीपुरा सहित करीब पांच सौ बीड़ी मजदूर ब्ीड़ी बनाकर आजीविका चला रहे हैं।

राजपूत कालोनी सहित शहर भर में करीब एक सैकडा महिलाएं स्वरोजगार के उददेश्य से घरों पर चौका चूल्हा निपटाकर बीड़ी बनाने बैठ जाती हैं, मुहल्ले की सभी महिलाएं एक साथ बैठकर बीड़ी बनाती हैं तो कुछ अकेले बच्चों के साथ बैठकर भी बीड़ी बनाने का काम करती हंै। राजपूत कालोनी की बेनीबाई अनुरागी कहती हैं हम कच्चा माल लेकर बीड़ी उचित दामों पर वापस देते हैं। करीब एक हजार बीड़ी पर 35 रुपए पारिश्रमिक के रूप में ही मिलते हैं, उसी से घर-गृहस्थी का खर्च, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च चलाते हैं। माह में डेढ़ से दो हजार रुपए तक कमा लेते हैं।

राजकुमारी अनुरागी कहती हैं सरकार ने परिचय पत्र तो थमा दिए दिए हैं, पर उन पर लाभ आज तलक नहीं मिला, किरन भगवती ऊषा प्रेमवती का कहना है, बीड़ी फैक्ट्री मालिक ने हम मजदूरों को प्रमाणित नहीं किया। हथकरघा विकास निगम के अध्यक्ष कपूर चन्द्र घुवारा समय-समय पर मजदूरों के हितों की आवाज बुलंद करते आये हैं, वहीं मजदूर नेता इसराज मुहम्मद का कहना है कि गोल्डन बीड़ी संचालक द्वारा श्रमिकों को सरकारी रेट पर मजदूरी नहीं दी जाती है, बीमा व प्रोत्साहन राशि न दिए जाने से श्रमिक आज भी वंचित रहते आये हैं। लेबर इंस्पेक्टर श्रमिकों से न मिलकर सीधे बीड़ी फैक्ट्री संचालक से मिलकर चले जाते हैं। इस सम्बध में जिला श्रम अधिकारी नीलम सिंह का कहना है कि हमारी जानकारी में नहीं है, हमें लिखित में शिकायत करने पर हम कार्रवाई करेंगे।

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