भोपाल। आपाधापी की जिंदगी में आज लोगों को खुद के लिए समय नहीं बचा है। ऐसे में लोग न तो खाने-पीने पर ध्यान दे पाते हैं और न हीं अपनी सेहत पर। यही वजह है कि आज के समय में लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में हैं। समय न मिल पाने के कारण लोग फास्ड फूड को खाना समझने लगे हैं और इसी से गजारा कर रहे हैं, जिस कारण से उन्हें कई बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। फास्ड फूड से खासकर उच्च रक्तचाप और मोटापे की समस्या पनप रहा है।
इस कारण मोटापे तथा उम्र से अधिक वजन की वजह से लोगों में मधुमेह, ह्रदय, गुर्दा एवं पेट रोगों का खतरा मंडराने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वजन मोटापा की श्रेणी में आ जाता है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 20 करोड़ बच्चे और वयस्क मोटापे के शिकार हैं। इनमें से पाँच करोड़ 80 लाख लोग विकासशील देशाें में रहते हैं।
स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2025 में विश्वभर इनकी संख्या बढ़कर 30 करोड़ हो जाएगी। एक शोध के मुताबिक 740 बच्चों का वजन उनकी उम्र के लिहाज से अधिक था और 207 बच्चे मोटापे का शिकार थे। मोटे बच्चों में 17 प्रतिशत और उम्र से अधिक वजन वाले बच्चों में 16 प्रतिशत उच्च रक्तचाप के शिकार थे। इनकी खून की जाँच में सीरम कोलेस्ट_ाल की मात्रा अधिक पाई गई। उच्च रक्तचाप के रोगी 11 से लेकर 16 साल की उम्र के बच्चे सर्वाधिक हैं। वहीं दूसरी ओर काम की अधिकता में व्यस्त लोग भी फास्ड फूड पर ही निर्भर रहते हैं, जिस कारण ये कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसा नहीं है कि ये लोग इस बात से परिचित न हों कि फास्ड फूड कई बीमारियों की जड़ है। इसके बावजूद भी ये फास्ड फूड खाकर बीमारियों को अपना लेते हैं।
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