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Friday, March 18, 2011

कार्यकर्ताविहीन हुआ आंगनबाड़ी केन्द्र

अनिल श्रीवास्तव
जानकारी के लिए भटक रहे ग्रामीण

झाबुआ (एमपी मिरर)। प्रदेश सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही है जिससे ग्रामीणों का विकास हो सके। इसी के सरकार द्वारा गांव गांव में आंगनवाडी खोली गई जिससे बच्चें एवं महिलाओं के के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके लेकिन इन सारी योजनाओं को अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार के चलते असफल बनाया जा रहा है और प्रशासन हाथ पे हाथ धरे बैठा देखते ही रहता है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया ग्राम वाहडी फलीया में एक आंगनवाडी संचालित होती है। जहां कांता पति कपील भूरिया निवासी वगाई बडी को नियुक्त किया गया था। जो नियुक्ति दिनांक से आज तक आंगनवाडी केन्द्र पर कभी नही आई। जिसके चलते शासन द्वारा ग्रामीणों ने इस बारे में मंगलवार को जनसुनवाई में एक आवेदन दिया जिसमें कांता को तुरंत हटाये जाने की मांग की। ऐसा ही एक आवेदन ग्रामीणों ने पहले भी दिया था लेकिन कोई कार्यवाही नही की गई। इस दौरान १५ मार्च मंगलवार को एक बार फिर ग्रामीणों कार्यकर्ता के खिलाफ आवेदन दिया।

नहीं मिल रही है जानकारी
ग्राम वाहडी फलीया के ग्रामीणों कहना है कि मेडम की जिस दिन से नियुक्ति हुई है उस दिन से आज तक वह आंगनवाडी में नही आई है। जिससे हमें शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त नही हो पाती है, जिसका लाभ हम नही उठा पाते है। अगर कोई उससे कुछ कहता है तो उसका कहना होता है कि मेरा कोई कुछ नही बिगाड सकते हो और आवेदन भी देते हो तो कोई भी अधिकारी मेरी कार्यवाही नही कर सकता है, मेरी पहुंच ऊपर तक है। आखिर ग्रामीणों को परेशान होकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपना पडा जिसमें उन्होने मांग की कि उसे तत्काल पद से हटाया जाये।


नहीं कर रहे हैं कोई कार्यवाही
आंगनवाडी में पदस्थ श्रीमती कांता पति कपील भूरिया निवासी वगाई के इस अनियमित्ता के चलते ग्रामीणों ने कई अधिकारियों से चर्चा भी की लेकिन कोई भी कार्यवाही नही की। करीब एक महिने पहले भी ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी लेकिन कोई भी कार्यवाही नही की गई। शायद अधिकारियों की मिली भगत के कारण ही श्रीमती भूरिया आंगनवाडी केन्द्र पर आना ही नही चाहती है। ग्रामीणों ने उसे हटा कर किसी दुसरे व्यक्ति की नियुक्ति के लिए भी अधिकारियों से कहा लेकिन फिर भी अधिकारियों ने कुछ नही किया। आखिर क्यों नही कर रहें है अधिकारी कार्यवाही? ऐसी कई आंगनवाडियां है जिसमें आंगनवाडी कार्यकर्ता उपस्थित ही नही रहती है लेकिन फिर भी अधिकारी आंखे मुंदे बैठे रहते है और न ही कोई कार्यवाही करना चाहते है।

नेताओं से है अच्छी पकड़
ग्रामीणों द्वारा कई बार इस बारे में अधिकारियों को जानकारी प्रदान की गई। लेकिन जब कोई अधिकारी कार्यवाही करना चाहता भी है तो नेताओं को फोन आ जाते है और कार्यवाही नही करने के निर्देश दे दिये जाते है। एक और तो मेडम खुद ही ग्रामीणों को डराती है दुसरी और ये नेताओं के फोन आखिर ग्रामीणजन भी क्या करे। अगर कार्यवाही नही होती है तो ग्रामीणों को शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से वंचित रहना पडेगा।

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